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Jiling-Langlota Iron ore Block and Guali Iron ore Block, have been inaugurated in which Indian state? | CURRENT AFFAIRS


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जन्म कुंडली के इन भावों में केतु बना देता है पूर्वाभासी या त्रिकालदर्शी । Ketu Gives You Sixeth Sence Power

जन्म कुंडली में इन भावों में बैठा केतु जातक को पूर्वानुमान या पूर्वाभासी बना देता है : जन्म कुंडली में केतु को शुभ तथा छाया  ग्रह की संज्ञा दी गई है किंतु पाप ग्रह राहु के सम्मुख होने की वजह से केतु के शुभ अशुभ दोनो ही परिणाम जीवन में देखने को मिलते है। यदि जन्म कुंडली में केतु 1, 2,3,5,8,9 तथा 12 इन भावों में बैठा हो तो जातक पूर्वाभासी अर्थात पूर्वानुमान लगाने वाला बन जाता है इस तरह के लोगो के सपने भी सच हो जाया करते हैं। यदि जन्म कुंडली में केतु के साथ गुरु की युति हो तो फिर कहना ही क्या यह एक प्रकार का योग जिसे धर्म ध्वजा योग कहते है इसका निर्माण करेगा इससे जातक की कही हुई बात सच हो जाया करती है । इस प्रकार के योग अक्सर साधु सन्यासी की कुंडली में खूब देखने को मिलते है । यदि कुंडली में गुरु केतु की युति हो तो जातक को धार्मिक प्रवृत्ति का बना देते है । यदि जातक गुरु और बड़ों का सम्मान करे तो जातक के पूर्वानुमान में और वृद्धि होती है । जातक यदि अत्यधिक धार्मिक हो जाए और मंत्र साधना करे तो इस तरह के लोगो को शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त हो जाती है। जातक त्रिकालज्ञ अर्थात तीनों कालों के विषय म