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10 April 2021 Current Affairs

Q.1. किस देश ने 17वीं BIMSTEC मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी की है ?
Ans. श्रीलंका

Q.2. उत्कल केशरी डॉ हरे कृष्णामहताब द्वारा लिखित ओडिशा इतिहास पुस्तक का हिंदी अनुवाद कौन लांच करेंगे ?
Ans. नरेंद्र मोदी

Q.3. किसने एक घंटे में डेंगू का पता लगाने वाला उपकरण विकसित किया है ?
Ans. IIT दिल्ली

Q.4. आयी रिपोर्ट के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय यात्री यातायात में कितने प्रतिशत की कमी आयी है ?
Ans. 89 प्रतिशत

Q.5. 'सुहास कुलकर्णी' का निधन हुआ है वे किस खेल से सम्बंधित थे ?
Ans. टेबल टेनिस

Q.6. सेना प्रमुख एम एम नरवाने किस देश की पांच दिवसीय यात्रा पर गये हैं ?
Ans. बांग्लादेश

Q.7. किसने जनजातीय स्वास्थ्य सहयोग 'अनामय’ का शुभारम्भ किया है ?
Ans. डॉ हर्षवर्धन सिंह व अर्जुन मुंडा

Q.8. भारत की पहली महिला क्रिकेट कमेंटेटर का निधन हुआ है उनका नाम क्या है?
Ans. चंद्रा नायडू

Q.9. किस राज्य सरकार ने सप्ताह में पांच दिन काम करने का निर्णय लिया है ?
Ans. मध्य प्रदेश

Q.10. किस देश ने अपने नागरिकों सहित भारतीय यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है ?
Ans. न्यूजीलैंड

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जन्म कुंडली के इन भावों में केतु बना देता है पूर्वाभासी या त्रिकालदर्शी । Ketu Gives You Sixeth Sence Power

जन्म कुंडली में इन भावों में बैठा केतु जातक को पूर्वानुमान या पूर्वाभासी बना देता है : जन्म कुंडली में केतु को शुभ तथा छाया  ग्रह की संज्ञा दी गई है किंतु पाप ग्रह राहु के सम्मुख होने की वजह से केतु के शुभ अशुभ दोनो ही परिणाम जीवन में देखने को मिलते है। यदि जन्म कुंडली में केतु 1, 2,3,5,8,9 तथा 12 इन भावों में बैठा हो तो जातक पूर्वाभासी अर्थात पूर्वानुमान लगाने वाला बन जाता है इस तरह के लोगो के सपने भी सच हो जाया करते हैं। यदि जन्म कुंडली में केतु के साथ गुरु की युति हो तो फिर कहना ही क्या यह एक प्रकार का योग जिसे धर्म ध्वजा योग कहते है इसका निर्माण करेगा इससे जातक की कही हुई बात सच हो जाया करती है । इस प्रकार के योग अक्सर साधु सन्यासी की कुंडली में खूब देखने को मिलते है । यदि कुंडली में गुरु केतु की युति हो तो जातक को धार्मिक प्रवृत्ति का बना देते है । यदि जातक गुरु और बड़ों का सम्मान करे तो जातक के पूर्वानुमान में और वृद्धि होती है । जातक यदि अत्यधिक धार्मिक हो जाए और मंत्र साधना करे तो इस तरह के लोगो को शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त हो जाती है। जातक त्रिकालज्ञ अर्थात तीनों कालों के विषय म