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प्रमुख देशाें की संसद के नाम | Geography

🏯प्रमुख देशाें की संसद के नाम

✺ मिस्र  ➠ पीपुल्स असेम्बली  

✺ पाकिस्तान ➠  नेशनल असेम्बली  

✺ जर्मनी  ➠ बुंडस्टैग   

✺ यु एस ए  ➠ कांग्रेस   

✺ बांग्लादेश  ➠ जातीय संसद  

✺ इजरायल  ➠ नेसेट   

✺ जापान  ➠  ङायट   

✺ मालदीव  ➠ मजलिस  

✺ आस्ट्रेलिया  ➠ संघीय संसद   

✺ स्पेन  ➠ कोर्टेस 

✺ नेपाल  ➠ राष्ट्रीय पंचायत

✺ रूस  ➠ ड्यूमा  

✺ चीन ➠ नेशनल पीपुल्स कांग्रेस 

✺ फ़्रांस  ➠ नेशनल असेम्बली 

✺ ईरान ➠  मजलिस  

✺ मलेशिया ➠ दीवान निगारा  

✺ अफगानिस्तान  ➠ शूरा

✺ तुर्की  ➠ ग्रैंड नेशनल असेम्बली  

✺ पोलेंड ➠  सेज्म  

✺ मंगोलिया ➠  खुराल   

✺ डेनमार्क ➠  फोल्केटिंग   

✺ स्विटजरलेंड  ➠ फेडरल असेम्बली   

✺ नीदरलैंड ➠ स्टेट जनरल 

✺ ब्राजील ➠ राष्ट्रीय कांग्रेस

✺ इटली  ➠ सीनेट 

✺ कुवैत  ➠ नेशनल असेंबली  

✺ सऊदी अरब  ➠ मजलिस अल शूरा  

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जन्म कुंडली के इन भावों में केतु बना देता है पूर्वाभासी या त्रिकालदर्शी । Ketu Gives You Sixeth Sence Power

जन्म कुंडली में इन भावों में बैठा केतु जातक को पूर्वानुमान या पूर्वाभासी बना देता है : जन्म कुंडली में केतु को शुभ तथा छाया  ग्रह की संज्ञा दी गई है किंतु पाप ग्रह राहु के सम्मुख होने की वजह से केतु के शुभ अशुभ दोनो ही परिणाम जीवन में देखने को मिलते है। यदि जन्म कुंडली में केतु 1, 2,3,5,8,9 तथा 12 इन भावों में बैठा हो तो जातक पूर्वाभासी अर्थात पूर्वानुमान लगाने वाला बन जाता है इस तरह के लोगो के सपने भी सच हो जाया करते हैं। यदि जन्म कुंडली में केतु के साथ गुरु की युति हो तो फिर कहना ही क्या यह एक प्रकार का योग जिसे धर्म ध्वजा योग कहते है इसका निर्माण करेगा इससे जातक की कही हुई बात सच हो जाया करती है । इस प्रकार के योग अक्सर साधु सन्यासी की कुंडली में खूब देखने को मिलते है । यदि कुंडली में गुरु केतु की युति हो तो जातक को धार्मिक प्रवृत्ति का बना देते है । यदि जातक गुरु और बड़ों का सम्मान करे तो जातक के पूर्वानुमान में और वृद्धि होती है । जातक यदि अत्यधिक धार्मिक हो जाए और मंत्र साधना करे तो इस तरह के लोगो को शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त हो जाती है। जातक त्रिकालज्ञ अर्थात तीनों कालों के विषय म