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जन्म कुंडली ने शुक्र और बुध की युति । ज्योतिष विद्या । jyotish sheekhen


जन्म कुंडली में शुक्र और बुध की युति का फल :

यदि जन्म कुंडली के किसी भी घर में बुध और शुक्र की युति होती है । तो यह एक प्रकार का योग बन जाता है । जिसे लक्ष्मी नारायण योग अथवा महायोग या लक्ष्मी योग भी कहते है । इस योग में जन्मे जातक को आजीवन लक्ष्मी की कमी नहीं होती । मां लक्ष्मी की कृपा से जातक अपने जीवन का सम्पूर्ण आनंद लेता है । जातक को सम्पूर्ण सद्गुणों से संपन्न पत्नी प्राप्त होती है तथा जातक को विवाह के बाद सम्पूर्ण सफलता मिलती है । यदि कुंडली में शुक्र और बुध की युति 1,4,7,10 भाव में हो तो यह एक प्रकार से राजयोग कारी हो जाता है नतीजा जातक के कुंडली के अन्य ग्रहों पर भी निर्भर करेगा । यदि शुक्र और बुध की युति 2,3,5,7,9,11 भाव में हो तो जातक भाग्यशाली, अपने बल पर सब कुछ पा लेने बाला ,अच्छी संतान का पिता ,अधिक कन्या संतान तथा पुत्र वाला , कुशल व्यापारी, भाग्यशाली, तथा जीवन में सदैव लाभ की ओर अग्रसर रहने वाला होता है। जातक को बुध और शुक्र की दशा , अंतर्दशा में लाभ प्राप्त होता है जातक भूमि , भवन, वाहन से संपन्न रहने वाला होता है । 
यदि इस युति पर पाप ग्रह जैसे सूर्य,मंगल,शनि,राहु की दृष्टि हो तो  परिणाम कुछ मिले जुले मिलते है कभी लाभ तो कभी हानि देखने मिलती है । जैसे की मंगल की दृष्टि अथवा युति हो तो जातक को कामुक प्रवृति का बना देता है जातक को कई प्रकार की परेशानी का सामना अपने जीवन में करना होता है हालांकि तब भी आय अच्छी होती रहती है। और यदि शुक्र बुध के साथ राहु की युति हो तो जातक के एक से अधिक प्रेम संबंध , अधिक महिला मित्र, रसिक मिजाज , शेयर, सट्टा और जुआ से लाभ कमाने वाला होता है लेकिन किसी प्रकार की बीमारी हमेशा बनी रहती है ।

उपाय :
1 इस योग में जन्मे जातक को उपाय के तौर पर लक्ष्मी नारायण भगवान के मंदिर जाना चाहिए ।
2 भगवान गणेश को बुधवार को दूर्वा अर्पित करे।
3 शुक्रवार को मां लक्ष्मी की कर्पूर से आरती करें।
4 बच्चो को बुधवार को मीठा खिलाएं।

                                                               पं योगेश पौराणिक 

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